नए वक्फ कानूनों के समर्थन में आए श्री कृष्ण जन्मभूमि केस के वादी महेंद्र प्रताप
नए वक्फ कानूनों के समर्थन में आए श्री कृष्ण जन्मभूमि केस के वादी महेंद्र प्रताप
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की याचिका, अपना पक्ष रखने की मांग
मथुरा
नए वक्फ कानून- 2025 के समर्थन में शनिवार को श्रीकृष्ण जन्म भूमि पर बनाई गई मस्जिद को हटाकर वहां पर भगवान का मंदिर बनाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में मुकदमा लड़ रहे श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह एडवोकेट भी खुलकर सामने आ गए हैं । एआइएमआइएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोहत्रा समेत दस अन्य ने सुप्रीम कोर्ट में नए कानून की वैधता चुनौती देते हुए जो याचिकाएं दाखिल की है, उनके विरुद्ध उन्होंने भी आज सुप्रीम कोर्ट में अपनी याचिका दायर की है। जिसमें उन्होंने नए वक्फ कानूनों को सही ठहराते हुए कोर्ट से मांग की है कि 1995 में वक्फ कानूनों के खिलाफ विभिन्न हाईकोर्ट में हिन्दू पक्ष के द्वारा दाखिल की गई याचिकाओं को क्लब कर उनकी भी एक साथ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की जाए।
वर्ष 1995 में अस्तित्व में आए वक्फ परिषद और वक्फ बोर्ड कानूनों में केंद्र सरकार ने हाल ही मे संशोधन कर नया कानून लागू किया है।
सरकार के निर्णय को कुछ मुस्लिम नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। साथ नए कानून को मुस्लिम विरोधी बताया है। श्रीकृष्ण जन्म भूमि विवाद के वादी महेंद्र प्रताप सिंह एडवोकेट ने सरकार के द्वारा लागू किए नया वक्फ कानून लागू करने के कार्य को एक ऐतिहासिक कार्य बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में आज केन्द्र सरकार के द्वारा लागू किए नए वक्फ़ कानूनों के समर्थन में दी दाखिल की याचिका की जानकारी भी दी। उनका कहना है कि वक्फ बोर्ड और वक्फ परिषद ने किसी भी संपत्ति को मनमाने तरीके से वक्फ की संपत्ति घोषित कर देता था। इस पर अंकुश लगाने के लिए वक्फ बोर्ड और वक्फ परिषद के कानूनों में बदला किया जाना आवश्यक था और वहीं कार्य केंद्र सरकार ने किया है। संपत्तियों को बेचने के साथ ही साथ संपत्तियों का किराया वसूल करके खाया जा रहा था, ऐसे लोग एक दिन सामने आ जाएंगे। धार्मिक मामलों में भी सरकार का कोई दखल नहीं होगा। वक्फ में मुस्लिम महिलाओं की भागीदारी भी होगी। ऐसे में नए कानूनों का विरोध गलत है। अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया, हमने न्यायालय से मांग की है कि जब नए कानूनों के खिलाफ दी गई याचिकाओं की सुनवाई हो तो हमारा पक्ष भी सुना जाए। इसके साथ ही साथ 1995 में वक्फ कानूनों के विरुद्ध विभिन्न हाईकोर्ट में हिंदू पक्ष के द्वारा दी गई याचिकाओं को क्लब कर एक साथ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की जाए। इन्हीं सब मांगो को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज एक याचिका दाखिल की गई है।
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