बलदेव के दाऊजी मंदिर में बाहल होगी 121 साल पुरानी व्यवस्था
-पूर्व रिसीवर आरके पांडेय पर लगे आरोप हाईकोर्ट ने किए निरस्त
मथुरा: मंदिर ठाकुर श्री दाऊजी महाराज विराजमान बलदेव की प्रबंध व्यवस्था को लेकर हाईकोर्ट ने आज एक ऐतिहासिक निर्णय सुनाया है। न्यायालय ने मंदिर की 121 साल पुरानी (2 सितम्बर 1904) की व्यवस्था बाहल करने के आदेश दिए हैं, वहीं पूर्व रिसीवर आरके पांडेय के ऊपर लगाए गए आरोपों को भी निरस्त कर दिया है।
ठाकुर दाऊजी मंदिर के रिसीवर पद को लेकर चले आ रहे मूलबाद संख्या 94 सन 1923 में पारित राजीनामा डिग्री के अनुसार न्यायालय द्वारा सन 1924 से लगातार रिसीवर नियुक्त करके की जा रही थी। पिछले दस वर्षों (5 जुलाई 2014 ) से रामकटोर पांडे दाऊजी मंदिर रिसीवर के रूप में नियुक्त थे। मूलवाद संख्या 94 सन 1923 में दर्ज मिसलेनियस केस नंबर 165 सन 2020 में न्यायालय एडीजे पंचम द्वारा आदेश 20.07.2024 एवं 12.09.24 पारित करते हुए ऑडिट रिपोर्ट जमा ना करने एवं बिना अनुमति के मंदिर में निर्माण कार्य कराए जाने के आरोप लगाते हुए, आर के पांडे के अधिकार विलंबित कर रिसीवर पद से हटाया गया था ,जबकि आरके पांडे के कार्यकाल में दाऊजी मंदिर में अभूत पूर्व निर्माण कार्य हुए थे जो की 100 साल की अवधि में कभी नहीं हुए ,आरके पांडे के अनुसार उन्होंने सभी ऑडिट रिपोर्ट माननीय न्यायालय की पत्रावली पर समय-समय पर जमा कराई गई है एवं डिग्री के अनुसार निर्माण कार्य की अनुमति ले जाने का कोई प्रावधान नहीं था,इसीलिए 100 वर्षों में किसी भी रिसीवर ने नहीं ली थी
उक्त आदेशों के विरुद्ध मंदिर के पक्षकारों द्वारा उच्च न्यायालय इलाहाबाद में मेटर अंडर आर्टिकल 227 नंबर 10194 सन 2024 गोविंदराम पांडे आदि बनाम नूतन प्रकाश आदि नाम से रिट दायर की गई ,जिस पर सुनवाई करते हुए माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद द्वारा 24 .09 .2024 को आदेश पारित करते हुए संबंधित माननीय न्यायालय एडीजे पंचम मथुरा को इस प्रकरण में कोई भी अग्रिम आदेश पारित करने से रोक लगाई गई थी। उच्च न्यायालय इलाहाबाद द्वारा इस प्रकरण में दिनांक 21.03 .2025 को अंतिम आदेश पारित कर रिट डिस्पोज करते हुए मिसलेनियस केस संख्या 165 सन 2020 में पारित आदेश/ समस्त कार्रवाइयों को सैटेसाइट करते हुए ,निरस्त कर दिया ,जिसके अनुसार मिसलेनियस के संख्या 165 सन 2020 में न्यायालय एडीजे पंचम मथुरा द्वारा पारित आदेश दिनांक 20.07.24 एवं 12.09.24 निरस्त हो गया। इन उक्त आदेशों में आर के पांडे रिसीवर पर लगाए गए सभी आरोप स्वत ही समाप्त हो गए एवं उक्त आदेश दिनांक 20.07.24 के द्वारा बनाए गए कार्यवाहक रिसीवर कुमारपाल सिंह तोमर की भी नियुक्ति स्वत ही समाप्त हो गई । उच्च न्यायालय के उक्त आदेश के अनुसार भविष्य में मंदिर प्रबंधन के लिए एग्रीमेंट दिनांक 02.09 .1904 के अनुसार दाऊजी मंदिर की प्रबंध कमेटी बनाई जाने हेतु जिला जज महोदय मथुरा को आवश्यक निर्देश भी जारी किए हैं
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