शाही ईदगाह मस्जिद मथुरा के नाम से नहीं है कोई वक्फ संपत्ति
शाही ईदगाह मस्जिद के नाम से नहीं है कोई वक्फ संपत्ति
मथुरा और जिले की पुरानी तहसील रही सादाबाद में 825 संपतियां, जिनका रकबा करीब 351 एकड़
श्रीकृष्ण जन्म भूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह कराएंगे संपत्तियों की जांच
कई ऐसी संपत्तियां जिनका रकबा तक नहीं खुला, दर्शायी गई है चौहद्दी
मथुरा: श्री कृष्ण जन्म भूमि मंदिर की करीब ढाई एकड़ भूमि पर बनी शाही ईदगाह मस्जिद के नाम से कोई भी संपत्ति वक्फ बोर्ड दर्ज में नहीं है। इसी भूमि पर हिंदुओं के हक का दावा कर रहे श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष और श्री कृष्ण जन्म भूमि विवाद के पक्षकार महेंद्र प्रताप सिंह को यह जानकारी सूचना अधिनियम के अंतर्गत सर्वे कमिश्नर वक्फ बोर्ड लखनऊ ने दी। इसी के साथ साथ जिले और उसकी पुरानी तहसील सादाबाद में कुल मिलकर 825 वक्फ संपतियों का भी पता चला है। कुछ ऐसी भी जमीन है, जिसका कुल रकबा का उल्लेख तक नहीं किया गया है, इनको छोड़कर कुल 351 एकड़ जमीन वक्फ बोर्ड की है। न्यास के अध्यक्ष ने इन सभी संपत्तियों की जांच के लिए राजस्व परिषद लखनऊ और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है।
18 अगस्त 1990 को मथुरा जिले की वक्फ संपत्तियों का गजट उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा ने कराया गया था, जो 27 मई 1987 की उस अधिसूचना पर आधारित था, जिसे मुस्लिम वक्फ विभाग ने जारी किया था। उस समय सादाबाद तहसील मथुरा जिले का हिस्सा थी। मगर 90 के दशक में मथुरा जिले से सादाबाद तहसील को अलग कर दिया गया और वह हाथरस जिले का अंग बन है। सादाबाद तहसील और जिले की पांचों तहसीलों को मिलकर उत्तर प्रदेश सरकार ने जो गजट कराया, उन संपत्तियों में शाही ईदगाह मस्जिद डीग गेट के नाम से कोई भी संपत्ति वक्फ बोर्ड में दर्ज नहीं है। हालांकि ये सभी संपत्तियां कब्रिस्तान, मस्जिद, दरगाह और इमामबाड़ा के नाम से है। श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया, कई संपत्तियां तो ऐसी भी हैं जिनका रकबा तक भी नहीं खोला गया है,सिर्फ उनकी चौहद्दी ही का उल्लेख वक्फ संपत्तियों में किया गया है। उन्होंने कहा कि ये संपत्तियां बेशकीमती हैं। स्थिति यह है कि एक एक गांव में वक्फ बोर्ड की कई कई संपत्तियां हैं। इनमें देवसेरस, हथिया, विशंभरा, दौलतपुर, शाहपुर, कोसीकला, खावल, जावरा, कराहारी, मांट आदि गांव शामिल है। उन्होंने बताया कि सैन्य और छावनी क्षेत्र में एक मस्जिद की भूमि का जिक्र वर्ग फीट में किया गया है तो दूसरी की चौहद्दी को दर्शाया गया। जिन जमीनों का रकबा घोषित नहीं किया गया है, अगर उनको छोड़ दिया जाए तो मथुरा और सादाबाद तहसील की कुल संपत्ति 351 एकड़ के करीब है। न्यास के अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह एडवोकेट ने बताया कि वक्फ बोर्ड की इन सभी संपत्तियों की जांच कराई जाएगी। इसके लिए राजस्व परिषद उत्तर प्रदेश और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा गया है।
श्री कृष्ण जन्म भूमि की जमीन कब्जाने के कई साक्ष्य
श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह एडवोकेट ने बताया कि श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर की जमीन कब्जाने और वहां मस्जिद निर्माण कराने के कई साक्ष्य हैं। सर्वे कमिश्नर वक्फ बोर्ड से जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार शाही ईदगाह मस्जिद के नाम से कोई वक्फ बोर्ड की संपत्ति नहीं है, जबकि बिजली का बिल भी श्री कृष्ण जन्म भूमि मंदिर के द्वारा ही दिया जा रहा है। इतिहास में भी मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाने की घटना का उल्लेख मिलता है। ये सब तथ्य हिन्दू पक्ष में ही है। इसी आधार पर हम कोर्ट में लड़ाई लड़ रहे हैं।
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